Ratan Tata Biography in Hindi: रतन टाटा का नाम आज भारत और दुनिया भर में प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार है। वह टाटा समूह के अध्यक्ष रहे हैं, जो भारत का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित व्यापारिक समूह है। टाटा समूह की स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी, और रतन टाटा ने अपने नेतृत्व में इसे और ऊंचाइयों तक पहुंचाया। दुनिया की सबसे छोटी कार टाटा नैनो के निर्माण के लिए रतन टाटा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।
रतन टाटा का करियर 1962 में टाटा समूह से शुरू हुआ, जहां वह वर्षों की मेहनत के बाद अध्यक्ष बने। उन्होंने टाटा समूह के व्यवसाय को न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी सफलतापूर्वक विस्तार किया। उन्हें 2008 में पद्म विभूषण और 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वर्तमान में, वे (Ratan Tata Biography in Hindi) चैरिटी और परोपकार से जुड़े कार्यों में सक्रिय हैं।
रतन टाटा का संक्षिप्त जीवन परिचय
पूरा नाम | रतन टाटा |
जन्म तिथि | 28 दिसंबर 1937 |
निधन | 09 अक्टूबर 2024 |
पिता का नाम | नवल टाटा |
माता का नाम | सूनी टाटा |
जन्म स्थान | मुंबई |
शिक्षा | आर्किटेक्चर में बी.एस की डिग्री, एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम |
व्यवसाय | बिजनेस |
धर्म | पारसी |
रतन टाटा का जन्म और प्रारंभिक जीवन
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम नवल टाटा और माता का नाम सूनी टाटा था। वे (Ratan Tata Biography in Hindi) जमशेदजी टाटा के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। नवल टाटा और सूनी टाटा का तलाक हो जाने के बाद, रतन टाटा को उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने गोद लिया। उनका पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा के साथ हुआ।
Ratan Tata Biography in Hindi: शिक्षा
रतन टाटा ने (Ratan Tata Biography in Hindi) अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से आगे की पढ़ाई की। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से आर्किटेक्चर में बी.एस की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से 1975 में पूरा किया।
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रतन टाटा की शादी
रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की, हालांकि उन्होंने चार बार शादी करने का मन बनाया था। लॉस एंजिल्स में काम करते समय उन्हें एक लड़की से प्यार हुआ था, लेकिन परिवार की समस्याओं के चलते उन्हें भारत लौटना पड़ा और वो शादी नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने अविवाहित रहने का फैसला किया।
टाटा समूह में योगदान
1991 में जेआरडी टाटा के पद छोड़ने के बाद, रतन टाटा (Ratan Tata Biography in Hindi) को टाटा संस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने कंपनी में कई बड़े बदलाव किए, जिसमें सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित करना और प्रत्येक कंपनी को समूह कार्यालय को रिपोर्ट करने के लिए बाध्य करना शामिल था। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह का राजस्व 40 गुना और मुनाफा 50 गुना बढ़ा।
रतन टाटा के (Ratan Tata Biography in Hindi) नेतृत्व में, टाटा समूह ने वैश्विक विस्तार की दिशा में बड़े कदम उठाए। 2000 में टाटा समूह ने लंदन स्थित टेटली टी का अधिग्रहण 431.3 मिलियन डॉलर में किया। इसके बाद 2004 में दक्षिण कोरिया की देवू मोटर्स के ट्रक-निर्माण परिचालन को 102 मिलियन डॉलर में खरीदा। 2007 में टाटा स्टील ने कोरस ग्रुप का 11.3 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया, जो किसी भारतीय कंपनी द्वारा किया गया सबसे बड़ा अधिग्रहण था।
2008 में, जगुआर और लैंड रोवर की फोर्ड मोटर कंपनी से 2.3 बिलियन डॉलर में खरीदारी रतन टाटा की देखरेख में की गई। इसके बाद 2009 में कंपनी ने टाटा नैनो लॉन्च किया, जो भारत के मध्यम और निम्न-आय वर्ग के लोगों के लिए एक सस्ती कार थी। दिसंबर 2012 में रतन टाटा टाटा समूह के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हो गए।
रतन टाटा ने (Ratan Tata Biography in Hindi) 2012 में टाटा संस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, लेकिन 2016 में साइरस मिस्त्री के हटने के बाद फिर से अध्यक्ष बने। उनके उत्तराधिकारी के रूप में 2017 में नटराजन चंद्रशेखरन को नियुक्त किया गया।
रतन टाटा के निवेश
रतन टाटा ने (Ratan Tata Biography in Hindi) अपनी व्यक्तिगत बचत से कई स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी कंपनियों में निवेश किया है। इनमें स्नैपडील, ओला कैब्स, शाओमी, नेस्टअवे और डॉग स्पॉट जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।
परोपकारी कार्य
रतन टाटा (Ratan Tata Biography in Hindi) और टाटा परिवार ने भारतीय समाज में अपनी परोपकारी गतिविधियों के लिए भी एक विशेष स्थान बनाया है। उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (TISS), और टाटा मेमोरियल अस्पताल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की स्थापना की। रतन टाटा शिक्षा, चिकित्सा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में परोपकारी कार्यों के लिए जाने जाते हैं।
उन्होंने (Ratan Tata Biography in Hindi) न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय का समर्थन किया ताकि चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों के लिए बेहतर जल आपूर्ति संभव हो सके। उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय को भारत के छात्रों के लिए 28 मिलियन डॉलर का छात्रवृत्ति फंड प्रदान किया है।
रतन टाटा ने (Ratan Tata Biography in Hindi) हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को 50 मिलियन डॉलर और कार्नेगी मेलोन यूनिवर्सिटी को 35 मिलियन डॉलर का दान दिया। टाटा समूह ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे को 950 मिलियन रुपये का दान दिया और टाटा सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन की स्थापना की। टाटा समूह ने भारतीय आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य में जो योगदान दिया है, वह अद्वितीय है।
सम्मान और पुरस्कार
भारत सरकार ने रतन टाटा को पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) द्वारा सम्मानित किया। ये सम्मान देश के तीसरे और दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं। उनको मिले अन्य उल्लेखनीय पुरस्कार इस प्रकार हैं:
वर्ष | पुरस्कार | संगठन |
2015 | मानद | एचईसी पेरिस |
2015 | ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टर | क्लेमसन विश्वविद्यालय |
2014 | कानून की मानद डॉक्टर | न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा |
2014 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस | यूनाइटेड किंगडम |
2014 | सयाजी रत्न पुरस्कार | बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन |
2014 | व्यापार के मानद डॉक्टर | सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी |
2013 | डॉक्टरेट की मानद उपाधि | एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय |
2013 | व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर | कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय |
2013 | अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंट | अर्न्स्ट एंड यंग |
2013 | विदेश एसोसिएट | नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग |
2012 | व्यापार मानद डॉक्टर | न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय |
2012 | मानद फैलो | इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी |
2010 | इस साल के बिजनेस लीडर | एशियाई पुरस्कार |
2010 | कानून की मानद डॉक्टर | पेपरडाइन विश्वविद्यालय |
2010 | लीडरशिप अवार्ड में लीजेंड | येल विश्वविद्यालय |
2010 | शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार | शांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार |
2010 | हैड्रियन पुरस्कार | विश्व स्मारक कोष |
2010 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2009 | इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार | इटली की सरकार |
2009 | 2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कार | इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी |
2009 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर | यूनाइटेड किंगडम |
2008 | प्रेरित होकर लीडरशिप अवार्ड | प्रदर्शन रंगमंच |
2008 | मानद फैलोशिप | इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान |
2008 | मानद नागरिक पुरस्कार | सिंगापुर सरकार |
2008 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर |
2008 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई |
2008 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2008 | लीडरशिप अवार्ड | लीडरशिप अवार्ड |
2007 | परोपकार की कार्नेगी पदक | अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट |
2007 | मानद फैलोशिप | अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल |
2006 | जिम्मेदार पूंजीवाद पुरस्कार | |
2006 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास |
2005 | साइंस की मानद डॉक्टर | वारविक विश्वविद्यालय |
2005 | अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य अचीवमेंट अवार्ड | |
2004 | प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर | एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
2004 | उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक | उरुग्वे की सरकार |
2001 | बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर | ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी |
रतन टाटा की संपत्ति
रतन टाटा (Ratan Tata Biography in Hindi) की कुल संपत्ति लगभग 3800 करोड़ रुपये है। उनकी अधिकांश संपत्ति टाटा संस के स्वामित्व से आती है। उन्होंने कई स्टार्टअप्स में भी निवेश किया है। रतन टाटा अपनी सैलरी का 66% हिस्सा दान करते हैं, जिसके कारण वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में नहीं गिने जाते, लेकिन दिल से वे सबसे अमीर माने जाते हैं।
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